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दिल्ली में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने वाले अध्यादेश को मंजूरी

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र की मोदी सरकार ने राजधानी की 895 अवैध कॉलोनियों को नियमित के फैसले से जहां प्रदेश भाजपा में खुशी की लहर है वहीं कांग्रेस इसे धोखा तो आम आदमी पार्टी (आप) इसे छलावा करार दे रही है। 
 
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने मोदी सरकार द्वारा 895 अनियमित कालोनियों को नियमित करने के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि इससे दिल्ली में रहने वाले 60 लाख से अधिक लोगों को फायदा होगा। केन्द्र में भाजपा सरकार के लगभग 200 दिनों के कार्यकाल में अनधिकृत कालोनियों के नियमितिकरण का निर्णय मोदी सरकार की संवेदनशीलता और दृढ़संकल्प का प्रतीक है।
 
उपाध्याय ने बताया कि इन कालोनियों का नियमितिकरण करने का काम इतना जटिल था कि कांग्रेस सरकार ने भी हाथ खड़े कर दिए थे। उपाध्याय ने कहा है कि दिल्ली के लिए मोदी सरकार ने पहले 1 जून, 2014 तक के सभी निर्माणों को 31 दिसम्बर, 2017 तक के लिए तोड़-फोड़ से सुरक्षित किया इसके बाद अनियमित कालोनियों को नियमित कर लाखों लोगों के सिर पर लटकी तलवार को हटा लिया है। सोमवार को कैबिनेट ने जमीन अधिग्रहण अध्यादेश पर भी मुहर लगाया। 

कैबिनेट में लिए गए निर्णय के अनुसार अब 1 जून 2014 तक बनी सभी अवैध कॉलोनियां नियमित होंगी जबकि पहले 31 मार्च 2002 तक बनी कॉलोनियों को ही नियमित करने की योजना थी। इन अवैध कॉलोनियों की कटऑफ डेट 31 मार्च 2002 से बढ़ाकर 1 जून 2014 करने से कम से कम 7 लाख ऐसे लोगों को सीधे फायदा होगा जो इस दौरान अवैध कॉलोनियों में आकर बसे हैं। केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के फैसले को आम आदमी पार्टी ने दिल्लीवालों के साथ छलावा करार दिया है।
 
पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि केन्द्र सरकार दिल्ली के 60 लाख लोगों को मूर्ख बना रही है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि इन कॉलोनीवासियों के साथ केन्द्र सरकार भी वही मजाक कर रही है, जो पूर्व में दिल्ली की पूर्व मंत्री शीला दीक्षित और कांग्रेस सरकार ने किया था। ये कॉलोनियां कैबिनेट प्रस्ताव से नहीं, बल्कि कानून लाने से नियमित होंगी। इसके बिना सब चुनावी स्टंट है।
 
कैबिनेट के इस फैसले से न तो मकानों की रजिस्ट्री होगी और न ही नक्शा पास होगा। न ही इन मकानों के लिए होम लोन मिलेगा। केन्द्र सरकार के इस फैसले के बाद भी नगर निगम इन कॉलोनियों में सड़क नहीं बना सकेगा और न ही इन्हें सीवर व गैस पाइप लाइन जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

दूसरी ओर, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने कहा है कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश दिल्ली वासियों के साथ धोखा है। कांग्रेस ने जो 895 कालोनियां नियमित की थी, उसके बाद भाजपा ने 1648 कालोनियों में से किसी को नियमित नहीं किया। जिससे कालोनियों में विकास कार्य रुके हुए हैं। भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों के नकारात्मक नतीजों को ध्यान में रखते हुए घबराई हुई है, इसलिए अध्यादेश के नाम पर लोगों को गुमराह कर रही है।

सौजन्य से : http://www.bhaskar.com

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