logo

रेट घटने से रियल एस्टेट के फिर से अच्छे दिन

दिल्ली:रियल एस्टेट बाज़ार  ने बैंकों की ओर से मिली थोड़ी ही सही मगर ब्याज दरों में कटौती पर राहत जताई है। जबकि रियल एस्टेट बाज़ार आरबीआई की ओर से पॉलिसी रेट में नरमी की उम्मीद कर रहे थे और फिलहाल मौजूदा स्तर से कम एक पर्सेंट कटौती को इंडस्ट्री की जरूरत बताया जा रहा हैं। उन्होंने रियल एस्टेट डिवेलपमेंट ऐंड रेग्युलेटरी बिल को भी ग्राहकों का भरोसा और इंडस्ट्री की ग्रोथ बढ़ाने वाला करार दिया है।

क्रेडाई एन सी आर के अध्यक्ष  रोहित राज मोदी ने कहा 'पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं होना इंडस्ट्री के लिए चौंकाने वाला था हालांकि आर बी आई के इशारे पर कुछ बैंकों ने हाथ खोलना शुरू किया है  ब्याज दरों में 15 बेसिस पॉइंट की कमी इस नजरिए से अच्छी है कि थ्रेशहोल्ड बायर्स खरीदारी को आगे बढ़ेगा। बायर्स सेंटीमेंट के लिहाज से रेग्युलेटरी बिल को मंजूरी भी अच्छा कदम है और इससे भी इंडस्ट्री में ग्राहकों का भरोसा होगा  क्रेडाई-एन सी आर के मुताबिक महंगी ब्याज दरों के चलते फंड की किल्लत और बिक्री  पर बुरा असर हुआ था जिससे 2014-15 में प्रॉजेक्ट की लॉन्चिंग पर 50% तक घट गई थी ।

रियल्टी के जानकारों ने कहा कि मौजूदा समय रियल एस्टेट के लिए अच्छा टर्निंग पॉइंट है। छह महीने पहले ही मोदी सरकार ने स्मार्ट सिटीज के प्रस्ताव और एफडीआई नॉर्म्स में ढील देकर इंडस्ट्री का हौसला बढ़ाया था और अब रेग्युलेटरी बिल पर भी उसने पॉजिटिव रुख दिखाया है। ऐसे में ब्याज दरों में थोड़ी बहुत कटौती भी सेक्टर में नई जान डाल सकती है। हालांकि आरबीआई ने अब भी हाथ बांधे रखे हैं लेकिन जिस तरह उसने बैंकों पर रेट कट का दबाव बनाया है उससे आगे कटौती के भी संकेत मिलते हैं। रियल्टर्स को भी फायदा मिलेगा।
जानकारों के मुताबिक  पॉलिसी रेट नहीं घटाने के पीछे  आरबीआई ने कई दलीलें दी हैं। इसमें बेमौसम बारिश के चलते फसलों का खराब होना और इसका अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ने की आशंका भी है। लेकिन हमें यह बिलकुल भी  नहीं भूलना चाहिए कि रियल एस्टेट बाज़ार भारी संख्या में ग्रामीण मजूदरों को रोज़गार देता है। रेट घटने के वज़ह से यहां जो भी तेजी आएगी, उससे उन सभी आम आदमी को ज्यादा रोजगार मिलेगा और उस नुकसान की काफी भरपाई भी आधिक होगी।'

emi_calculator
advertiesment